” जिंदगी में जहर नहीं होता “
?? गजल ??
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बेवफा तू अगर नहीं होता ।
जिंदगी में जहर नहीं होता ।
मैं भी रुसवा तुझे ही कर देता ।
आपका यदि शहर नहीं होता ।
मिल भी जाये अगर तुम्हे फिर से ।
भूल जाना असर नहीं होता ।
गैर को कब तलक रिझाओगे ।
जा रहे अब सबर नहीं होता ।
आप ख्वाबो में ही सजाते यदि ।
ताज यूं खण्डहर नहीं होता ।
थोड़ी शक्ती जो हुक्मरां करते ।
इस तरह यूँ गदर नहीं होता ।
छोड़ देते नहीं वतन तुम पे ।
कोई भी दर बदर नहीं होता ।
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? वीर पटेल ?