*जिंदगी भर धन जुटाया, बाद में किसको मिला (हिंदी गजल)*
जिंदगी भर धन जुटाया, बाद में किसको मिला (हिंदी गजल)
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1)
जिंदगी भर धन जुटाया, बाद में किसको मिला
संपदा चंचल सदा से, चल रहा यह सिलसिला
2)
धैर्य रखना सीखिएगा, तब मिलेगा फल यहॉं
पुष्प निर्धारित समय के, बाद में ही है खिला
3)
सैन्य-बल से काम करती, है अधिक रणनीति ही
युद्ध-कौशल में निपुण जो, जीत लेता है किला
4)
क्या उसे मालूम होंगे, कष्ट राहों के भला
जो चला था गाड़ियों में, पॉंव कब जिसका छिला
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451