— जिंदगी बदल गयी –
आज सड़क पर जब निकला
सब तरफ वीरानी थी छाई
देख मेरे प्रभु कैसी कैसी
जिंदगी की हो रही तबाही। .
कल तक जहाँ रौनक थी
आज कोई नजर नहीं आता
कैसे चलेगा जीवन ,
जरा एक बार तो बता मेरे दाता।
तेरे दर बंद हो गए
न जाने किस के भाग थे फूटे
किया धरा किसी ने दुनिआ में
पर उस के साथ सब हैं लुटे !
क्या होगा कोई नहीं है जानता
इंसान शायद खुद को खुदा है मानता
किया धरा तो प्राणी का ही है
वो भी इस बात को खूब है जानता।
अजीत कुमार तलवार
मेरठ