जिंदगी नही मौत गले लगा ली हमने
जिंदगी नही मौत गले लगा ली हमने
वो पास आये नही,खुद को सजा दी हमने
इंतज़ार करते रहे मरते दम तक
उनके इन्तजार में ही जिंदगी बिता दी हमने
गम था नही कोई भी ज़िन्दगी में
उनकी ख़ुशी को ही हंसी अपनी बना दी हमने
आये थे हाल पूछने दर पर हमारे
हंसी के पीछे मोतियों की बरसात छुपा दी हमने
गए छोड़ कर वो जैसे ही दूर हमसे
हंसी के मुखोटो के पीछे छुपी ग़मों की नदी बहा दी हमने
बिखर गए टूट कर हम उनके बिना
जैसे खुद माला से मोती बिखरा दिए हमने
रिसते नौका से मुमकिन नही पार जाना
समुन्द्र पर उसे बहाने की गलती की हमने
उनकी हर गुस्ताखी माफ़ थी
उनसे दिल लगाने की सजा ली हमने
परिंदा भी उड़ गया अपने आशियाने से
तरकीब सारी उसे जो सिखा दी हमने
आस्तीन का सांप निकला दिलबर वो
उसके बिल में हाथ डालने की सजा ली हमने
भूपेंद्र रावत
7/11/2017