जिंदगी तेरी रज़ा क्या है?
जिंदगी तेरी रज़ा क्या है?
जी रहा हूं तो खता क्या है?
मुफलिसी की इस कहानी में,
तिश्नगी है तो मज़ा क्या है?
मौतबर कोई रहा होगा,
कौन है,उसका पता क्या है?
जब बुलाया है अदालत में,
तो बता मेरी सज़ा क्या है?
रंज ओ ग़म से रहा बोझिल,
ख्वाब आँखों में बता क्या है?
ग़मगुसारी जो न करता हो,
कौन जाने वो ख़ुदा क्या है?
घुल गई है साँस में नफ़रत,
हाय! ये बादे सबा क्या है?
©कुमार ठाकुर
01.11.2017