जिंदगी तुम रूठ ना जाना …
जिंदगी ने कही यह बात मुझसे रोते हुए ,
क्यों तुमने मुझे मौत से जुदा कर दिया।
अभी तो नींद आई थी चैन से सो रही थी ,
क्यों तुमने मेरी नींद में खलल डाल दिया।
थक गई हूं वक्त के कारवां के पीछे भागते ,
मायूस हो कारवां तो मैने खुद ही छोड़ दिया।
जमाना तेज था वक्त के साथ चलता रहा,
मैं न मिला सकी कदम,तो साथ छोड़ दिया।
मुझसे तो मेरी ही ख्वाइशों ने फरेब किया,
तो खफा होकर अपना ही दिल तोड़ दिया।
मेरी महबूब ए इलाही से मुलाकात होनी थी,
क्यों मुझे उनके ख्यालों से जुदा कर दिया।
मेरी मय्यत पर मत रोना”अनु”तुम्हें मेरी कसम ,
रूठ जायूंगी मैं, गर तुमने मुझे फिर जगा दिया।