जिंदगी तुम्हें मार मार कर
जिंदगी
तुम्हें मार मार कर
तुम्हारे मरने तक
तुम्हें एक लकड़ी जैसा
बना ही देती है ताकि
तुम अपनी चिता के साथ
आसानी से जल सको
तुम्हारी देह मिट्टी की है
तुम एक मिट्टी के पुतले हो
मरने के बाद तुम्हें मिट्टी ही
बनना है
मिट्टी में ही मिलना है
तुम्हारे मरने से पहले
तुम्हें यह अहसास करवा ही देती है।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001