जिंदगी जीवन में सबको आजमाती है।
गजल
2122……2122……..2122…..2
जिंदगी इक बार सबको आजमाती है।
जिंदगी रोते हुए हँसना सिखाती है।
देखती है रोज मुझको प्यार से इक बार,
पर न आती पास कहती शर्म आती है।
दिल से खत लिखते हैं उसको भेजते दिल से,
दिल से होती है खुशी जब दिल मिलाती है।
खुशनुमा हरगिज़ न समझो जिंदगी उसको,
दर्द देकर दूसरों को मुस्कुराती है।
दर्द होता है बहुत जब दंड देता वो,
उसकी लाठी में नहीं आवाज होती है।
जब मुझे आती नहीं है नींद रातों में,
आज भी आती है माँ लोरी सुनाती है।
बात महलो को बनाने की उठी जब भी,
झोपड़ी तब मुफ़लिसों की टूट जाती है।
दूसरों को दर्द देकर मुस्कुराते जो,
नींद उनको भी नहीं रातों को आती है।
दुश्मनी में जिंदगी होती जहन्नुम सी,
प्रेम में गुल की तरह ये खिलखिलाती है।
………✍️ प्रेमी