जिंदगी जीने का सबका अलग सपना
जिंदगी जीने का सबका अलग सपना
रास्ते अपने-अपने मंजर अपना-अपना
हर एक ने निभाया किरदार अपना अपना
जख्म अपने अपने , खंजर अपना अपना !!
कवि दीपक सरल
जिंदगी जीने का सबका अलग सपना
रास्ते अपने-अपने मंजर अपना-अपना
हर एक ने निभाया किरदार अपना अपना
जख्म अपने अपने , खंजर अपना अपना !!
कवि दीपक सरल