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13 Jan 2021 · 1 min read

जिंदगी चंद पलों का मेहमान होता है

ये जीवन किसी का भी,
बस चंद पलों का मेहमान होता है ।
फिर भी किसी – किसी को, ना जाने क्यों,
खुद पर बहुत ज्यादा अभिमान होता है ।।

शाखाएँ टूट जाती है,
जड़ से उखड़ जाती है ।
उन बड़े – बड़े वृक्षों की भी,
जब थोड़े हवा के झोकों में ।।

तो सोचो, गर आँधी और सुनामी आ जाये,
या फिर ज्वालामुखी फट जाए ।
तो क्या बचेगा तुम्हारे और हमारे,
अपने इस जीवन में ।।

कवि – मनमोहन कृष्ण
समय – 03:23 (सुबह)
तारीख – 13/01/2021
मोबाईल – 9065388391
पता – बिहटा, पटना, (बिहार) – 801103

Language: Hindi
3 Likes · 4 Comments · 284 Views
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