जिंदगी को हमने,,,
जिंदगी को हमने बदलते हुए देखा है
बुरे हालातो को संभलते हुये देखा है
करते थे जिन पलों में हम,बहतरी की ख्वाहिश
उन पलों को हमने आज संवरते हुये देखा है
जरूरी नहीं है की जिंदगी हमेशा एक जैसी रहे
जैसे रात का जाना,और सुबह आना तह है
वैसे ही जिंदगी में दुःख के बाद सुख का आना भी तह है
इसलिए दुःख में इतना भी न दुखी हो
की सुख में सुख दुःख जैसा लगने लगे,
श्री रावत,