जिंदगी के पहलू
दिनांक 16/7/19
जिन्दगी से
उनकी दूर
चले जाएंगे
यादें हैं दिल में,
लौटना नहीं है
है कैसी
कशमकश है
जिन्दगी
आँखे
बंद तो यादें
खुले तो
सपना बस
कल तलक
जो थे साथ
जिंदगी में
साँसों ने दिया
धोखा
हो गये
पराये
अब और कहें
जिन्दगी
तेरे बारे में
उठ गया
विश्वास
तेरी झूठी
कहानियों से
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल