Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jan 2024 · 1 min read

जिंदगी के तराने

जिंदगी के तरानो में तेरा अंदाज़ है शामिल धड़कते दिल कि धड़कन में तेरा एहसास है शामिल जिंदगी के तरानों तेरा एहसास हैं शमिल!।

जिंदगी के लम्हों राहों में तेरा इज़हार है शामिल जिंदगी के तरानों में तेरा एहसान है शामिल!!

सुर्ख सुबह कि लाली चमकती गालों पे बाली माथे पे चांद सी दमकती बिंदिया नज़र के नूर का दीदार है शामिल!।
जिंदगी के तरानों में तेरा एहसास हैं शामिल!!

घने जुल्फों के सेहरे में छुपा तेरा चांद सा चेहरा करम किस्मत कि ख्वाहिसो का इंतजार है शामिल! जिंदगी के तरानों में तेरा एहसास है शामिल!!

तू मक़सद कि मल्लिका अरमानों कि बाहों में इरादों कि इबादत का इम्तिहान है शामिल जिंदगी के तरानो में तेरा एहसास हैं शामिल!!

Language: Hindi
Tag: गीत
136 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
View all
You may also like:
माँ
माँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
मिटता नहीं है अंतर मरने के बाद भी,
मिटता नहीं है अंतर मरने के बाद भी,
Sanjay ' शून्य'
हज़ार ग़म हैं तुम्हें कौन सा बताएं हम
हज़ार ग़म हैं तुम्हें कौन सा बताएं हम
Dr Archana Gupta
वह आवाज
वह आवाज
Otteri Selvakumar
Acrostic Poem- Human Values
Acrostic Poem- Human Values
jayanth kaweeshwar
*जश्न अपना और पराया*
*जश्न अपना और पराया*
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
रूह मर गई, मगर ख्वाब है जिंदा
रूह मर गई, मगर ख्वाब है जिंदा
कवि दीपक बवेजा
बाप अपने घर की रौनक.. बेटी देने जा रहा है
बाप अपने घर की रौनक.. बेटी देने जा रहा है
Shweta Soni
*सच कहने में सौ-सौ घाटे, नहीं हाथ कुछ आता है (हिंदी गजल)*
*सच कहने में सौ-सौ घाटे, नहीं हाथ कुछ आता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
3729.💐 *पूर्णिका* 💐
3729.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
स्याही की
स्याही की
Atul "Krishn"
कभी कभी प्रतीक्षा
कभी कभी प्रतीक्षा
पूर्वार्थ
#खरी बात
#खरी बात
DrLakshman Jha Parimal
बड़े-बड़े शहरों के
बड़े-बड़े शहरों के
Chitra Bisht
" वो "
Dr. Kishan tandon kranti
गरिमामय प्रतिफल
गरिमामय प्रतिफल
Shyam Sundar Subramanian
Shankarlal Dwivedi reciting his verses in a Kavi sammelan.
Shankarlal Dwivedi reciting his verses in a Kavi sammelan.
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
चरम सुख
चरम सुख
मनोज कर्ण
🙅आज का दोहा🙅
🙅आज का दोहा🙅
*प्रणय*
रिश्ता नहीं है तो जीने का मक़सद नहीं है।
रिश्ता नहीं है तो जीने का मक़सद नहीं है।
Ajit Kumar "Karn"
दोहा
दोहा
Dinesh Kumar Gangwar
दूसरे का चलता है...अपनों का ख़लता है
दूसरे का चलता है...अपनों का ख़लता है
Mamta Singh Devaa
अंहकार
अंहकार
Neeraj Agarwal
सब गोलमाल है
सब गोलमाल है
Dr Mukesh 'Aseemit'
हाँ देख रहा हूँ सीख रहा हूँ
हाँ देख रहा हूँ सीख रहा हूँ
विकास शुक्ल
संसार
संसार
Dr. Shakreen Sageer
पृष्ठों पर बांँध से
पृष्ठों पर बांँध से
Neelam Sharma
मेरे अल्फाजों के
मेरे अल्फाजों के
हिमांशु Kulshrestha
यदि आप नंगे है ,
यदि आप नंगे है ,
शेखर सिंह
Loading...