जिंदगी का सहारा
जिंदगी को जिंदगी का सहारा चाहिए,
वो सहारा भी हमे बस तुम्हारा चाहिए।
टूटे सपने टूटी आशा,
झूठी हैं अब हँसी।
तन्हा-तन्हा हैं जिंदगी,
तन्हा- तन्हा हर ख़ुशी।
बीच दरिया न छोडो,
एक किनारा चाहिए ।
जिन्दगीको जिंदगी का सहारा चाहिए…….
उम्मीदें जागी ज्यादा,
क्यों किया तुमने वादा ।
जो निभा भी न सके थे,
अब क्या हैं इरादा।
ऐसे तन्हा यूं न छोड़ो,
साथ तुम्हारा चाहिए।
जिंदगी को जिंदगी का सहारा चाहिए……..
हर दुआ में तुझको माँगा ,
मेरी साँसों में समाया।
आँखों में था जो चहेरा,
वही सपनो में भी पाया।
नजरे यूं न हमसे मोड़ो,
बस नाम तुम्हारा चाहिए।
जिंदगी को जिंदगी का सहारा चाहिए ……..
-डिम्पल खारी