जिंदगी का प्यार – (१०० शब्दों की कविता)
बार बार मना करने पर भी
माता-पिता के कहने पर दोस्तों
शादी करनी पड़ी भैय्या हमको
तब तो कुछ मालूम न था
बस तैयार हो गए हम तो
फिर क्या शहनाई बजी
आ गये साजन
साथ लिवाने हमको
मायके से हुई विदाई
बेटी हुई पराई आ गई
अपने पति के साथ
कुछ समय बिता
वक्त ने ली करवट
मिला मुझे एक सुंदर
बेटी के रूप में उपहार
उस दिन मुझे प्यार हुआ
अपने बेटी के साथ
सच में उस दिन मुझे प्यार हुआ
अपनी जिंदगी से
जिंदगी सच में ईश्वर द्वारा दिया
एक उपहार के रूप में सुंदर क्षण है