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25 May 2024 · 1 min read

** जिंदगी कब मुस्कुराई **

** जिंदगी कब मुस्कुराई **

* संदेश गीत *
ऐ जिंदगी कब मुस्कुराई पता ना चला,
पहुँच गये कहाँ से कहा पता ना चला || टेक||

खेल बचपन के हम न भूले,
अमवा की डाली कदम के झुले |
कैसा बिता बचपन पता ना चला ||1||

जवानी ने अपना रंग दिखाई,
मातपिता ने जल्दी करदी सगाई |
बन गया पिता कैसे पता ना चला ||2||

जिम्मेदारीयों का बोझ ढ़ोते रहा,
आरजूएं सबकी पूरी करते रहा |
आया कब बुढ़ापा पता ना चला ||3||

ना कोई ख्वाहिश ना कोई चाहत,
बुझे हुए दिल को कैसे मिले राहत |
जिंदगी की शाम आ गई पता ना चला ||4||
ऐ जिंदगी कब मुस्कुराई पता ना चला||

Language: Hindi
1 Like · 39 Views

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