जिंदगी और स्वाद
जिंदगी जेठा लाल सी हो गई है
एक मुसीबत जाती नही दुसरी आती है
नट्टू काका की तरह ए सवालों में उलझाती है
समझा समझा कर ए जिंदगी बड़ा उलझाती है
जेठा लाल बन कर हर परेशानी को सुलझा देगे
तारक मेहता के जैसा दोस्त हो हर गम भगा देगे
एक ऑडर आया तो बागा को लिखवाया
ऑडर पहुंचाने का जिम्मा उसने उठाया
जिंदगी की रोज नई नई कहानियां ए बनाती है
तारक मेहता का उल्टा चश्मा में एपिसोड दिखाती है
हर दिन जेठा लाल की तरह परेशानी आती है
खामोश जिंदगी में तहलका मचा कर जाती है
टूट कर बिखरने वाला होता हूं चंपक लाल की याद आती है
जीवन की हर मुश्किल घड़ी के बाद कुछ तो खुशियां आती है
हमारी जिंदगी गर्म चाय की तरह उबाल खाती है
दूसरो को स्वाद तो खुद को आग में जलाती है..