Sahityapedia
Login
Create Account
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
Neeraj Agarwal
33 Followers
Follow
Report this post
23 Mar 2024 · 1 min read
जिंदगी और जीवन भी स्वतंत्र,
जिंदगी और जीवन भी स्वतंत्र,
विचारों और भावनाओं की सोच हैं
Tag:
Quote Writer
Like
Share
1 Like
· 167 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Join Sahityapedia on Whatsapp
You may also like:
धरा हमारी स्वच्छ हो, सबका हो उत्कर्ष।
surenderpal vaidya
सबको निरूत्तर कर दो
Dr fauzia Naseem shad
राम और कृष्ण
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
तुम्हें आसमान मुबारक
Shekhar Chandra Mitra
3705.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
श्री राम अमृतधुन भजन
Khaimsingh Saini
बुंदेली दोहे-फतूम (गरीबों की बनियान)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
वफा से होकर बेवफा
gurudeenverma198
"तेरे लिए.." ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
अटूट प्रेम
Shyam Sundar Subramanian
प्रेम में मिट जाता है, हर दर्द
Dhananjay Kumar
"तेरा-मेरा"
Dr. Kishan tandon kranti
ज़िंदगी जी भर जी कर देख लिया मैंने,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शिक्षक की भूमिका
Shashi kala vyas
परिंदे अपने बच्चों को, मगर उड़ना सिखाते हैं( हिंदी गजल)
Ravi Prakash
प्यार..... करना, जताना और निभाना... तीनो अलग अलग बाते है.. प
पूर्वार्थ
I'm always with you
VINOD CHAUHAN
"नारियल खोपड़ी से टकराए या खोपड़ी नारियल से, फूटना खोपड़ी को ही
*प्रणय*
मीर की ग़ज़ल हूँ मैं, गालिब की हूँ बयार भी ,
Neelofar Khan
बेपरवाह
Omee Bhargava
औरों के ही रात दिन,
sushil sarna
इस तरह कुछ लोग हमसे
Anis Shah
💐प्रेम कौतुक-561💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
इंसान हो या फिर पतंग
शेखर सिंह
क्रोधी सदा भूत में जीता
महेश चन्द्र त्रिपाठी
उम्मीदें लगाना छोड़ दो...
Aarti sirsat
पता ना था के दीवान पे दर्ज़ - जज़बातों के नाम भी होते हैं
Atul "Krishn"
माँ तुम याद आती है
Pratibha Pandey
माता - पिता राह में चलना सिखाते हैं
Ajit Kumar "Karn"
विरोध-रस की काव्य-कृति ‘वक्त के तेवर’ +रमेशराज
कवि रमेशराज
Loading...