जिंदगी-एक लंबा सफर
जिंदगी के इस लम्बे सफ़र में
कोई जीतता है तो कोई हारता है
सभी की ख्वाहिशें हैं, मुकाम है अपना-अपना
कोई मजबूरी में ही अपना मन मारता है
यूँ तो आसान नहीं है जिंदगी जीना
दर्दभरी दास्तानों के घूँट पीना
पर बनते -बिगड़ते हालातों में
हर कोई खुद को सँवारता है
सभी की ख्वाहिशें……
कोई मजबूरी में ……..
पूरी जिंदगी बीत जाती है
पर वक्त का पता नहीं चलता
नजदीकियों और दूरियों का
अहसास भी नहीं मिलता
हर एक हक़ीक़त से रूबरू होकर
हर शख्स सच को नकारता है
सभी की ख्वाहिशें…..
कोई मजबूरी में……..