जिंदगी एक परीक्षा
हर परीक्षा
कराती है इन्तजार
परिणाम का
जिन्दगी की हर
डगर है कठिन
ये सिखाती है संघर्ष
इन्सान को
कर्म प्रधान बनें
जीते हर जंग
जिन्दगी की
तभी तो बनेगा
सिक॔दर जिन्दगी में
मुश्किल नहीं
राह मुसाफ़िर की
पगडंडी पर भी चलें
कांटो से बच कर
हर परिणाम
सिखाता है
एक सबक जिंदगी में
जीत हार का खेल
खिलाती है किस्मत
कहीं छाह
तो कही धूप है किस्मत
परिणाम नहीं होते
जिन्दगी का अंत
यह तो दर्पण है
इन्सान के संघर्ष की
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल