“जिंदगी एक चुनौती” (कविता)
यूं रेत सी जिंदगी पल-पल फिसलती जाए रे
समय का दरिया कल-कल बहती धारा रे
खोने और पाने के आधारों को लिए साथ
यह सफर आसान बनाना है अपने हाथ
रेत और सीमेंट के समानांतर रहे मकान की नींव
छोटे-छोटे ज्ञान से ही मनमंदिर बने अपार सजीव
मन की सुंदरता ही सकारात्मकता का प्रतीक
जीवन की बगिया में खिले फूल महके सटीक
नित-नए आयामों को दें चुनौती कर कायम मिसाल
इन्हीं प्रेरणाओं को लिए साथ बने हर युवा बेमिसाल
भूल मत पाई कैसे आज़ादी और गणतंत्र लागु हुआ
वक्त की मांग के साथ देश महान-गौरवों से सदा ही सम्मानित हुआ