जिंदगी अंधेरे राह में
नभ के घने बादलों से गुजर रही हैं
जिंदगी अंधेरे गलियारों से ।नयनों से जल की बूंद सी जिंदगी फिसल रही है अंधेरे राह में ।प्रगति पथ की आश में जिंदगी घूम रही कुलू के बेल सी ।न किसी का साथ न किसी के मिलने का एसास है। सुंदर जीवन के ख्वाब में घूम रही हैं जिंदगी अंधेरे राह में।।