जा रे जा, भाग ज़ालिम कोरोना l
जा रे जा, भाग ज़ालिम कोरोना, दूर बैठ जा, ले एक कोना l
मैं मानव हूँ, मुझे है आता, हर हार के बाद, जीत का बीज बोना ll
टोक टोक, खुद को रोक रोक l
जीवन को मन शक्ति में झोंक l
नहीं अच्छा, कोई रोना धोना l
तू है बुद्धिमान, बलशाली मानव l
वस में कर सकता हैं हर दानव l
सही सोच, श्रम, कर्म, हर समस्या का तोड़ तराना l
यहाँ वहाँ बिखरे, सुझाव संकेत, संदेश हैं l
मुख नाक आँख, ढक, साफ रह, हाथ हाथ धो,
इसी में सुरक्षा का समावेश हैं l
बस संयम, नियम को न समझ बोझ ढोना l
गर्म गर्म काढा, ले ले नीबू, तुलसी, अदरक,
काली मिर्च, नमक, दाल चीनी, हल्दी, मेथी दाना l
गरम पानी का सदा लेना l
नीबू पानी, टमाटर रस और हरी शब्जी,
१ घटे धूप में टहलना, दूर रहेगा कोरोना l
सही कोशिशें कर, सदा सफल होगा l
सुरक्षा का रस्ता, सदा सहज सरल होगा l
पर याद रख, होनी को तो हैं ही होना l
कोई भी कोना, आ सके है कोरोना l
आज का कोरोना या कल का कोई और कोरोना l
संयम, नियम, सही समझ, सही ढंग l
बदल सके है, गलत होनी का होना, भागेगा कोरोना l
अरविन्द व्यास “प्यास “