जा नहीं सकता
सभी को हाले दिल अपना सुनाया जा नहीं सकता
असली हाल दिल का ये, दिखाया जा नहीं सकता
खुद ही सामने आ जाती है एक दिन जमाने के
मोहब्बत का कोई किस्सा , छुपाया जा नहीं सकता
कभी जिससे लगा न दिल भले वो यद ना आए
कोई आया जो दिल तक हो, भुलाया जा नहीं सकता
सदा अपने ही जाते यहां पर, तोड़कर के दिल
कभी दिल से निकल कोई पराया जा नहीं सकता
रहे उम्मीद और विश्वास तो रिश्ता भी निभता है
अगर टूटा तो फिर रिश्ता निभाया जा नहीं सकता
यहां पर प्यार में मिलना मुकद्दर से ही मुमकिन है
किसी को चाह कर दिल से भी पाया जा नहीं सकता
जो हिम्मत हार कर बैठा हो खुद ही चंद झटकों से
उसे फिर चाह कर के भी जिताया जा नहीं सकता
जो खुद ही हारकर बैठा यहां खुद ही मोहब्बत में
उसको लाख कोशिश से हराया जा नहीं सकता
किसी को मारने से पहले इतना सोच लेना कि
किसी को मारकर फिर से उठाया जा नहीं सकता
हुई है लाख कोशिश पर कभी ये मिट नहीं पाया
मोहब्बत को कभी जग से मिटाया जा नहीं सकता
विक्रम कुमार
मनोरा, वैशाली