जा ! जा ! देखे तेरे जैसे कितने ढोंगी !!!
ढोंगी देखे मैंने कितने तेरे जैसा ढोंगी ना देखा ,
दुनिया नचाई मैंने ऊँगली पर तुझ जैसा ओछा ना देखा , मलाई खाई मैंने दूध पिलाई सबको ,
तुहि चरने आई बनके मेरी हरिजाई ,
न तो तू ठाठ ,न तो तू रानी मेरी फिर कैसी है तेरी जवानी , मटक मटक कर चलती हैं क्या बोल ना अपनी जुबानी ,
क्यो मासूम बनती हैं छल लेती हैं ,जीवन सबका ,
तुझे हाय नही आता किसी के प्रकोप से ,
बड़ी आई , सुधारने वाली !
जा ! देखे तेरे जैसे कितने , रोज मिलते हैं बाज़ार में ,
चल ! भाग हरिजाई ।
मैं तो ठहरा सीधा साधा प्रेम का बन्दा ,
तू तो निकली डाकिनी ,बेच आई मेरा दिल कूड़े के भाव मे
,अरे हरिजाई !
तुझे देते न बनता गाली ,घोट गया सब मैं पानी ,
जा ! जा ! देखे तेरे जैसे चौटीन , ढोंगी है तू ढोंगी ,
पहचान न पाया मेरा स्वच्छ दिल तुझ जैसे डाकिनी को ,
जा !जा ! हरिजाई देखे तेरे जैसे कितने ढोंगी ।।।
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