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23 Jan 2022 · 1 min read

जाड़ों की बरसातों ने

राहों में खामोशी भर दी ,
जाड़ों की बरसातों ने।
उथल पुथल कर रख दी दिल में,
यादों की बारातों ने।
नफ़रत ने भी मुझको शायद,
इतना ना तड़पाया होता,
जितना दर्द दिया है तेरी,
प्यार भरी सौगातों ने।।

संजय नारायण

Language: Hindi
306 Views
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