जावेद कक्षा छः का छात्र कला के बल पर कई प्रकार के बनाता है चित्र
जालोर जिले में एक छोटी सी उम्र में जावेद ने यह साबित कर दिया है की यदि मन में जुनून हो तो हमें कोई नहीं रोक सकता है यह उदाहरण पेश कर दिया जावेद ने और सलीम ने कहते हैं ना कि कला किसी के बपौती नहीं होती हैं मोहताज भी नहीं होती है किसी भी प्रकार की कला सीखने के लिए हमारे मन में जुनून होना चाहिए और क्योंकि बिना जुनून हम कुछ भी नहीं सीख सकते और यह साबित कर दिया कक्षा छः में पढ़ने वाले जावेद और कक्षा दसवीं में पढ़ने वाले सलीम के मन में था कला सीखने के लिए कोई पैसे या विशेष प्रशिक्षण की जरूरत नहीं होती है बस मन में जुनून हो,लालच और सीखने की ललक हो तो इंसान कुछ भी सीख सकता है।
शंकर आंजना का कहना है कि ऐसा ही कला की एक सख्त जालौर में जावेद और सलीम बिना प्रशिक्षण किए कला सीखकर जो कला का जो प्रदर्शन कर रहा है वह वास्तव में एक अलग ही अनोखा उदाहरण यह देखकर हर कोई स्तंभ है जो जावेद ने अपनी पढ़ाई के साथ साथ इस कला को अपनी मेहनत व लगन से सीखा है।
शंकर आँजणा का कहना है कि जावेद कक्षा छः का छात्र हैं उन्हें चित्र बनाने मैं बहुत रुचि है वह अपने खाली समय का उपयोग इसी प्रकार रचनात्मक कार्य करने में बिताता है जावेद अपने खाली समय का सदुप्रयोग करता है बड़े भाई सलीम के सहयोग से चित्र बनाता है।
शंकर आँजणा का कहना है कि जावेद के इस जुनून को सलाम है इतनी छोटी सी उम्र में अपनी कला का बहुत ही शानदार प्रदर्शन है जावेद ने किताबों व अखबारों में जो चित्र आते हैं उनको देखकर चित्र बनाने का प्रयास किया।
इस जुनून की ललक ने जावेद को चित्र बनाने के लिए मजबूर कर दिया है इनके इस कला को सीखने के लिए माता पिता का सहारा निय सहयोग रहा है इससे उसे जावेद ने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ चित्रकारी का कार्य शुरू किया है।
अद्भुत शालीनता तो अद्भुत है मुस्कान तेरी जावेद।
मेहनत तो दिखती है जावेद तेरी तो अद्भुत है सफलता।।
शंकर आँजणा
जालोर राजस्थान-343032
मो-8239360667
कक्षा स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष