जाल मोहमाया का
एक सपना सुहाना था जिसमें कोई नहीं अंजाना था
हर कोई खास था दिल के बहुत पास था
आया एक हवा का झोंका और हर अक्श से रूबरू करवा दिया
जो भ्रम पाला था मन में
उसको दूर करवा दिया
ये जाल है मोहमाया का , यहां सच्चे लोगों को कद्र मिलती नहीं
जो जुड़े हैं स्वार्थ से उनके मन में प्यार की कली खिलती नहीं
कुछ लोग कायदे की बात बताते है
चुप रहने के फायदे सुनाते है
खुद ने कभी अपनाया नहीं होगा इस वाक्या को
और ज्ञान बहुत वो लुटाते हैं
कुछ इस तरह के भी किरदार होते हैं
जो नजरों से बीमार होते हैं
नजरिया खुद का बदलते नहीं
और चलते फिरते अख़बार होते है
कुछ खोटे सिक्के जो नहीं चले बाजार में
वो आज खामियां ढूंढ रहे हैं मेरे किरदार में
शायद उस रब ने भेजा ही हो उनको इस काम के साथ
कि बस वो नकारात्मक ऊर्जा ही फैलाते रहें इस संसार में
इस सपने ने बहुत कुछ सिखाया
सच और झूठ से पर्दा उठाया
तुम खुद ही अपने सच्चे साथी इस जीवन में
इसी बात को अच्छी तरह से समझाया।।
रेखा खिंची ✍️✍️