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24 May 2020 · 1 min read

जायका

तेरे हाथों से बने शाक का हम ,
खुशबू वो जायका नही भूले ।

मीलों लंबी दूरियों के दरमियां ,
दिल का मायका नही भूले ।।

हूँ परदेश में , यंहा घर जैसा वो स्वाद कँहा,
आदत में शामिल लेना मगर , हम रायता नही भूले।

जी रहे हैं हम आपकी सलामती के यकीं पर,
तेरी नसीहत , तेरा वो कायदा नही भूले।

थकना नही जिंदगी के इस भाग – दौड़ में हमें ,
नुकसान की फिक्र किसे , मगर हम वो फायदा नही भूले।
तेरे हाथों से बने शाक का हम, वो जायका नही भूले।
..✍️देवेन्द्र

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 270 Views
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