जायका चाय का
मैं ज्यादा चाय नहीं पीता
और अब तो छोड़ दिया है
मुझे याद नहीं है कि पिछली बार
मैंने कब चाय पी थी
पर मैं समझता हूं कि आप पीते हैं
या आपमें से बहुत से लोग
क्या आप मुझे बता सकते हैं, कि
चाय में जायका कहाँ से आता है?
या कैसे आता है.??
क्या यह आता है पत्ती या शक्कर से
लौंग,अदरक या ईलाइची की खुश्बू से
या लाल चाय में नमक नीबू या मसाले से
या मिट्टी के उस कुल्हाड़ से
जो पकती है आग की गोद में
और गर्म चाय के साथ छोड़ती है सोंधी खुश्बू?
अब जब मैंने चाय छोड़ दी है
शायद मैं समझ पाता हूं कि
चाय में जायका कहाँ से आता है
चाय में जायका आता है
बारिश के उन दिनों से
जब आप अपनों के साथ या
किसी अपने के साथ भीगे मौसम में
प्यालीयों में रखी चाय को अपने होठों से लगाते हैं
और महसूस करते हैं मौसम की तरो ताजगी को अपने रोम-रोम से
और चुस्कियां लेते हुए जीते हैं प्याली भर उम्र को
चाय में जाएगा आता है
पहाड़ों और घाटियों के
उस खूबसूरत नजारे से
जब दो लोग साथ में चाय की चुस्की भरते हुए
उन नजारों को अपनी आंखों में कैद कर लेने की नाकाम कोशिश करते हैं
और बहुत कुछ कह कर भी निशब्द रह जाते हैं
चाय में जायका
आता है सर्दियों के उन दिनों से
जब सूरज खुद रजाई में सोया रहता है
और कई लोग एक साथ रजाई में घुसकर गपशप करते हैं
एक दूसरे की टांग खींचते हैं
और चाय की चुस्कियों के साथ
कुछ काम की कुछ बेकार की
और कुछ बेसिर पैर की बातें करते हैं
चाय में जायका आता है
किसी शांत शाम को एक ही टेबल पर बैठकर
जब दो लोग एक ही कप से चाय पीते हैं
और चाय से ज्यादा उस साथ होने के अहसास को जीते हैं
और एक दूसरे की उँगलियों को छूते हुए
खो जाते हैं भविष्य के सपनो में
चाय में जायका आता है
दोस्तों के साथ खुशी की किसी भी छोटी बड़ी बात पर
जब कुछ दोस्त जो दुनिया की किसी भी दौलत से ज्यादा है
गले में हाथ डाल कर कहते हैं आज पार्टी तेरा भाई देगा
और सभी यार नुक्कड़ पर साथ बैठकर उस खुशी का जश्न चुश्कियो में मनाते हैं
चाय में जायका आता है
कॉलेज कैंटीन की उस टेबल से
जहां लंच टाइम सब दोस्त इकट्ठा होते हैं
और बात करते हैं किसका किसके साथ चक्कर है
और सारे दोस्त खिंचाई करते हैं किसी एक की
और टेबल छोड़ते हुए बहस होती है कि बिल मैं दूंगा.. बिल मैं दूंगा…
चाय में जायका आता है
चाय बनाने वाले उन हाथों से
जो इस फिराक में रहते हैं कि
वह आपके लिए चाय बनाएं
जो चाय में डाली जाने वाली हर सामग्री के साथ
घोल देते हैं उसमें अपनापन, प्रेम और अटूट स्नेह
शायद अब मैं समझ पाता हूं कि
चाय में जायका आता है
जीवन के उन खूबसूरत लम्हों से
जिसे हमने जिया होता है बहुत ही
अजीज लोगों के साथ….
#sandeep_albela
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