जाम
बैठे थे मयखाने में, हाथों में हमारे जाम था
लगता है हम बहुत पी चुके,ऐसा हम पर इल्जाम था
पर जिसे हम उठा-उठा कर ,पी रहे थे बड़े शौक से
अफसोस ‘देव’ कम्बखत खाली पड़ा, वो जाम था
बैठे थे मयखाने में, हाथों में हमारे जाम था
लगता है हम बहुत पी चुके,ऐसा हम पर इल्जाम था
पर जिसे हम उठा-उठा कर ,पी रहे थे बड़े शौक से
अफसोस ‘देव’ कम्बखत खाली पड़ा, वो जाम था