जाम पीते हैं थोड़ा कम लेकर।
गज़ल
2122……..1212………22
जाम पीते हैं थोड़ा कम लेकर।
आओ पीते किसी का गम लेकर।
एक जीवन से मुक्ति मिल जाए,
क्या करेंगे कई जनम लेकर।
तक गये हो तो थोड़ा सुस्ता लो,
चल पड़ेगे जरा सा दम लेकर।
इक तुम्हारी ज़रा सी गलती से,
जा रहा है वो आंख नम लेकर।
दिल को रखना है आइना जैसा,
कोई चलना नहीं भरम लेकर।
टीवी अखबार का है काम यही,
रोज हाज़िर खबर गरम लेकर।
जिसका प्रेमी हूं आ गया हमदम,
प्यार की ह्विस्की और रम लेकर।
……….✍️ सत्य कुमार प्रेमी