जान हम तुमसे कैसे मिलें
कितना खुलें, कितना खिलें
कैसे कहें … जान मुहब्बत है
ये आंखों से मेरे बहता पानी
ये शब्दों की अपनी मनमानी
सतरंगी इश्क को कैसे लिखें
जान हम तुमसे कैसे मिलें
~ सिद्धार्थ
कितना खुलें, कितना खिलें
कैसे कहें … जान मुहब्बत है
ये आंखों से मेरे बहता पानी
ये शब्दों की अपनी मनमानी
सतरंगी इश्क को कैसे लिखें
जान हम तुमसे कैसे मिलें
~ सिद्धार्थ