जाने वाले का शुक्रिया, आने वाले को सलाम।
जाने वाले का शुक्रिया, आने वाले को सलाम।
चाह तो हर पल नई है,कब लिया इसने विराम।।
गुजर रहा है साल,हर साल की तरह।
ढूंढ लेते हैं फकत, खुशियों की नई नई वजह।।
रोज होती है सुबह,हर रोज शाम होती है।
जिंदगी चलती है यूं ही, उम्र तमाम होती है।।
चलता रहता है समय, ये समय का काम है।
नौन तेल लकड़ी से,किसको कहां आराम है।।
चलना शगल है आदमी का, जब-तलक ये जान है।
क्या नया और क्या पुराना,पल पल बदलता मान है।।
हो गया है जो पुराना, एक दिन था वो भी नया।
थाह न ले पाया कोई, क्या पुराना क्या नया।।
अनवरत इस सृष्टि में,सब कुछ बदलता है।
सूरज रोज उगता है , और रोज ढलता है।।
जी ले जी भर आज को,कल का है किसको पता।
शुक्रिया दिल से कहो,करके शुकराना अता।।
जाने वाले का शुक्रिया, आने वाले को सलाम।
चाह तो हर पल नई है,कब लिया इसने विराम।।