जाने बचपन
बच्चे को
जानना
उससे
बतियाना
ऐसा कि
समंदर की
गहराई
छानना
बच्चे के
संग
दिल से
जुडना होता।
तब जाकर
बच्चे को
संभव है
पहचानना
बच्चे की
इचछा
बच्चे की
मर्जी
यह उम्र
दखल कभी
पसंद नहीं
करती।
बच्चों के
सुकून मे
जो सुकून पाता
वह
बचपन को
कुछ समझ पाता।
डा. पूनम पांडे