Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jun 2023 · 1 min read

जाने कैसी हो गयी , प्रतिभा की तस्वीर ।

जाने कैसी हो गयी , प्रतिभा की तस्वीर ।
कौए निर्धारित करें , हंसों की तकदीर ।।
हंसों की तकदीर , समय की है बलिहारी ।
गधे मनाते मौज , उद्दमी रोता भारी ।
लालकिला है मौन , साथ ही लोग सयाने ।
खण्डित हों नित स्वप्न , दर्द को प्रभु ही जाने ।।
सतीश पाण्डेय

214 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सतीश पाण्डेय
View all

You may also like these posts

9. पहचान
9. पहचान
Lalni Bhardwaj
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
जमाने में
जमाने में
manjula chauhan
नारी चेतना का वैश्विक फलक
नारी चेतना का वैश्विक फलक
Sudhir srivastava
फूलों से हँसना सीखें🌹
फूलों से हँसना सीखें🌹
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मनुष्य...
मनुष्य...
ओंकार मिश्र
मंजिल
मंजिल
Swami Ganganiya
प्रेम गजब है
प्रेम गजब है
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
धुंधली छाया,
धुंधली छाया,
meenu yadav
नेता
नेता
Raju Gajbhiye
हो गया जो दीदार तेरा, अब क्या चाहे यह दिल मेरा...!!!
हो गया जो दीदार तेरा, अब क्या चाहे यह दिल मेरा...!!!
AVINASH (Avi...) MEHRA
I love sun
I love sun
Otteri Selvakumar
सिंहपर्णी का फूल
सिंहपर्णी का फूल
singh kunwar sarvendra vikram
दुश्मन
दुश्मन
Dr.Pratibha Prakash
क्रिकेट
क्रिकेट
SHAMA PARVEEN
कभी-कभी इंसान थोड़ा मख़मूर हो जाता है!
कभी-कभी इंसान थोड़ा मख़मूर हो जाता है!
Ajit Kumar "Karn"
अपील
अपील
Dr. Kishan tandon kranti
अबकी बार निपटा दो,
अबकी बार निपटा दो,
शेखर सिंह
चूल्हे की रोटी
चूल्हे की रोटी
प्रीतम श्रावस्तवी
ज़िंदगी के सफ़हात   ...
ज़िंदगी के सफ़हात ...
sushil sarna
गीत के मीत
गीत के मीत
Kanchan verma
जीवन उत्सव मृत्यु महोत्सव
जीवन उत्सव मृत्यु महोत्सव
महेश चन्द्र त्रिपाठी
लावारिस
लावारिस
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
एक गरिमामय व्यक्तित्व के लिए
एक गरिमामय व्यक्तित्व के लिए
Seema Verma
जिसको ढूँढा किए तसव्वुर में
जिसको ढूँढा किए तसव्वुर में
Shweta Soni
वो ठहरे गणित के विद्यार्थी
वो ठहरे गणित के विद्यार्थी
Ranjeet kumar patre
गर्मी आई
गर्मी आई
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बे सबब तिश्नगी.., कहाँ जाऊँ..?
बे सबब तिश्नगी.., कहाँ जाऊँ..?
पंकज परिंदा
मुझसे मेरी पहचान न छीनों...
मुझसे मेरी पहचान न छीनों...
इंजी. संजय श्रीवास्तव
2541.पूर्णिका
2541.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Loading...