जाने कैसी हो गयी , प्रतिभा की तस्वीर ।
जाने कैसी हो गयी , प्रतिभा की तस्वीर ।
कौए निर्धारित करें , हंसों की तकदीर ।।
हंसों की तकदीर , समय की है बलिहारी ।
गधे मनाते मौज , उद्दमी रोता भारी ।
लालकिला है मौन , साथ ही लोग सयाने ।
खण्डित हों नित स्वप्न , दर्द को प्रभु ही जाने ।।
सतीश पाण्डेय