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30 May 2022 · 2 min read

“ जाने कहाँ गए वो दिन ”

( संस्मरण )
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल ”
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समय को बदलते हुए करीब से देखा है ! कल को देखा है ,वर्तमान को देखता हूँ और कुछ भविष्य का भी अवलोकन करूंगा ! सकारात्मक परिवर्तन की आँधियों ने विश्व के स्वरूप को बदल दिया ! सारा परिवेश बदल गया ! हम विकास के पथ पर अग्रसर होने लगे ! नए -नए यंत्रों का आविष्कार ने एक नई क्रांति ला दी ! हरेक क्षेत्र में हम आवध गति से आगे अग्रसर होते जा रहे हैं ! हमारे स्कूल ,कॉलेज और तकनीकी शिक्षण संस्थान का आमूल परिवर्तन होने में कई दशक लगे ! पढ़ने और पढ़ाने की रीति बदल गयी ! पर मैं नहीं भूला वह दिन और निकल पड़ा उसकी ही तलाश में !
जहाँ मेरी प्रारम्भिक पढ़ाई हुई थी वह आज भी बरकरार है ! आजकल यह माध्यमिक विध्यालय डांगालपारा कहलाता है ! यह आज दो मंज़िला बन गया है ! लड़के- लड़कियों के बैठने ,प्रसाधन ,विजली ,कंप्युटर और खेलने के लिए साधन महज़ूद हैं ! पर मैं तो उन दिनों को याद कर रहा हूँ जो ,इन साधनों से हम महरूम थे !
दुमका कहचरी के पास हटिया के बगल में नगरपालिका दुमका के बिल्कुल सटे तीन कच्चे दीवारों के रूम बने थे ! जमीन कच्ची थी ! लड़के -लड़कियाँ अपने साथ बोरियाँ लाती थीं और जमीन पर बिछा के बैठती थीं ! शिक्षक के लिए एक कुर्सी और एक छोटा टेबल होता था ! उन दिनों बिजली नहीं होती थी ! क्लास का एक लड़का या एक लड़की की ड्यूटी होती थी कि वह गुरु जी को पंखा झेले !
बैसे मेरा जन्म 23.दिसम्बर 1951 दुमका में ही हुआ था ! 1959 से 1963 तक मुझे पहली क्लास से पाँचवीं क्लास तक पढ़ना पड़ा ! हरेक लड़के -लड़कियों को बारी -बारी से अपने -अपने क्लास को सप्ताह में शनिवार को लिपाई करनी पड़ती थी ! अपर्याप्त संसाधनों के अभाव में हमलोगों को दूर गांधी मैदान जाना पड़ता था ! खेलने- कूदने के लिए ना साधन था ना जगह थी !
बस उस समय जो पढ़ाई जाती थी वो हृदय में घर कर जाती थी ! शिक्षक मारते भी थे तो प्यार भी करते थे ! हम शिक्षकों को झुक कर प्रणाम करते थे ! उन्हें हरेक शनिवार शनीचरा ( पैसे ) देने की प्रथा थी ! कोई छात्र यदि क्लास नहीं आता था तो उसी क्लास के कुछ छात्र उसके घर पहुँचकर उसे उठा लाते थे ! कोई बीमार हो जाता था तो उसकी सेवा में कुछ छात्र भेजे जाते थे ! लोगों में प्यार था और आत्मीयता !
आज स्कूल वही है जो मेरे काल में था पर उसी आत्मीयता की तलाश में हम आज तक कर रहे हैं “ जाने कहाँ गए वो दिन ” !!
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डॉ लक्ष्मण झा“ परिमल “
साउन्ड हेल्थ क्लिनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
भारत
30.05.2022.

Language: Hindi
184 Views

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