जानेमन
मुक्तक – जानेमन
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जानेमन तुम मुझे भूल जाना नहीं,
भूल जाऊँ तुम्हें ओ दीवाना नहीं।
प्यार ही है खुदा और जीवन यहीं,
प्यार से कुछ बड़ा मैने माना नहीं।
डूब जाऊँगा अब इन सवाबो में मैं,
तेरे नैनो में जो उन ही ख्वाबों में मैं।
जीत लूँगा तुम्हें तुमसे ऐ जानेमन,
वेलेंटाइन डे के दिन इन गुलाबों में मैं।
गेसुओं को तेरे महकाऊंगा मैं,
फूल बालों तेरे में सजाऊंगा मैं।
तुम मेरे ही लिए इस जहाँ में बनी,
एक दिन तुझको तुझसे चुराऊंगा मैं।
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डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”