Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 May 2020 · 1 min read

जाना

आंख भी तुम आंखों में मचलता ख्वाब भी तुम
रात भी तुम और रात में दमकता चांद भी तुम

तुम ही तुम हो दिल जाना चारो तरफ मेरे
दिल भी तुम दिल में पलता इंतजार भी तुम!

~ सिद्धार्थ

Language: Hindi
5 Likes · 254 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
लहरों सी होती हैं मुश्किलें यारो,
लहरों सी होती हैं मुश्किलें यारो,
Sunil Maheshwari
पहला अहसास
पहला अहसास
Falendra Sahu
कितना भी  कर लो जतन
कितना भी कर लो जतन
Paras Nath Jha
"स्वप्न".........
Kailash singh
चन्द्रशेखर आज़ाद...
चन्द्रशेखर आज़ाद...
Kavita Chouhan
3453🌷 *पूर्णिका* 🌷
3453🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
फितरत है इंसान की
फितरत है इंसान की
आकाश महेशपुरी
यक्षिणी / MUSAFIR BAITHA
यक्षिणी / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
राज़ बता कर जाते
राज़ बता कर जाते
Monika Arora
हंसना - रोना
हंसना - रोना
manjula chauhan
उधार ....
उधार ....
sushil sarna
" तार हूं मैं "
Dr Meenu Poonia
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Santosh Khanna (world record holder)
फूल भी हम सबको जीवन देते हैं।
फूल भी हम सबको जीवन देते हैं।
Neeraj Agarwal
■आज का #दोहा।।
■आज का #दोहा।।
*प्रणय प्रभात*
रात बसर हो जाती है यूं ही तेरी यादों में,
रात बसर हो जाती है यूं ही तेरी यादों में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शेर बेशक़ सुना रही हूँ मैं
शेर बेशक़ सुना रही हूँ मैं
Shweta Soni
बाल कविता: भालू की सगाई
बाल कविता: भालू की सगाई
Rajesh Kumar Arjun
There is nothing wrong with slowness. All around you in natu
There is nothing wrong with slowness. All around you in natu
पूर्वार्थ
अरे मुंतशिर ! तेरा वजूद तो है ,
अरे मुंतशिर ! तेरा वजूद तो है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
इससे पहले कि ये जुलाई जाए
इससे पहले कि ये जुलाई जाए
Anil Mishra Prahari
दुःख,दिक्कतें औ दर्द  है अपनी कहानी में,
दुःख,दिक्कतें औ दर्द है अपनी कहानी में,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
शेष
शेष
Dr.Priya Soni Khare
गर्मी और नानी का घर
गर्मी और नानी का घर
कुमार
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ़
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ़
Neelam Sharma
*डॉ. सुचेत गोइंदी जी : कुछ यादें*
*डॉ. सुचेत गोइंदी जी : कुछ यादें*
Ravi Prakash
"गिरना, हारना नहीं है"
Dr. Kishan tandon kranti
ख़्वाब टूटा
ख़्वाब टूटा
Dr fauzia Naseem shad
लम्हा-लम्हा
लम्हा-लम्हा
Surinder blackpen
भय लगता है...
भय लगता है...
डॉ.सीमा अग्रवाल
Loading...