जाना
आंख भी तुम आंखों में मचलता ख्वाब भी तुम
रात भी तुम और रात में दमकता चांद भी तुम
तुम ही तुम हो दिल जाना चारो तरफ मेरे
दिल भी तुम दिल में पलता इंतजार भी तुम!
~ सिद्धार्थ
आंख भी तुम आंखों में मचलता ख्वाब भी तुम
रात भी तुम और रात में दमकता चांद भी तुम
तुम ही तुम हो दिल जाना चारो तरफ मेरे
दिल भी तुम दिल में पलता इंतजार भी तुम!
~ सिद्धार्थ