Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Sep 2020 · 1 min read

जाना है बड़ी दूर उसे अपने नगर से

तैयार हुआ है न निकलता ही है घर से
जाना है बड़ी दूर उसे अपने नगर से

पहले तो रही फ़िक़्र कि आना भी उसे है
दम ख़ुश्क हुआ आज भी जाने की ख़बर से

देखा जो तलातुम तो किया फ़ैसला इकदम
कश्ती को किनारे पे रखा दूर भँवर से

मुश्किल थी कई बार बहरहाल मैं गुज़रा
ले प्यार की वो पालकी भी राहगुज़र से

जज़्बात मैंने दिल के सलीके से सजाकर
लिक्खी है ग़ज़ल अश्क़ से औ’र ख़ूने-जिगर से

बेचा है ज़मीरों को फ़क़त पैसे की ख़ातिर
नफ़रत से चले दूर भी उल्फ़त की डगर से

रहता है नज़रबन्द सदा अपनी अना में
लेना भी उसे क्या है भला शामो-सहर से

जिनमें न बड़ों का था अदब और सलीका
जाहिल ही रहे कुछ न मिला इल्मो-हुनर से

बेचैन सभी लोग किनारे पे खड़े हैं
आना है उसे आज अभी अपने सफ़र से

फैशन का असर आज नई नस्ल पे दिखता
‘आनन्द’ तो हर बार रहा दूर असर से

शब्दार्थ:- तलातुम=brewing storm/समुद्री तूफ़ान

डॉ आनन्द किशोर

1 Like · 1 Comment · 173 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कमबख्त ये दिल जिसे अपना समझा,वो बेवफा निकला।
कमबख्त ये दिल जिसे अपना समझा,वो बेवफा निकला।
Sandeep Mishra
नव वर्ष
नव वर्ष
RAKESH RAKESH
School ke bacho ko dusre shehar Matt bhejo
School ke bacho ko dusre shehar Matt bhejo
Tushar Jagawat
जय मातु! ब्रह्मचारिणी,
जय मातु! ब्रह्मचारिणी,
Neelam Sharma
यादें
यादें
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
ओ मुसाफिर, जिंदगी से इश्क कर
ओ मुसाफिर, जिंदगी से इश्क कर
Rajeev Dutta
*यदि उसे नजरों से गिराया नहीं होता*
*यदि उसे नजरों से गिराया नहीं होता*
sudhir kumar
फितरत................एक आदत
फितरत................एक आदत
Neeraj Agarwal
*डॉ. सुचेत गोइंदी जी : कुछ यादें*
*डॉ. सुचेत गोइंदी जी : कुछ यादें*
Ravi Prakash
संसार का स्वरूप (2)
संसार का स्वरूप (2)
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
दो का पहाडा़
दो का पहाडा़
Rituraj shivem verma
कोई...💔
कोई...💔
Srishty Bansal
💐प्रेम कौतुक-302💐
💐प्रेम कौतुक-302💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
विद्या देती है विनय, शुद्ध  सुघर व्यवहार ।
विद्या देती है विनय, शुद्ध सुघर व्यवहार ।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
अगर बात तू मान लेगा हमारी।
अगर बात तू मान लेगा हमारी।
सत्य कुमार प्रेमी
"वो यादगारनामे"
Rajul Kushwaha
"अनकही सी ख़्वाहिशों की क्या बिसात?
*Author प्रणय प्रभात*
Love Night
Love Night
Bidyadhar Mantry
इंद्रधनुष सा यह जीवन अपना,
इंद्रधनुष सा यह जीवन अपना,
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
माता रानी की भेंट
माता रानी की भेंट
umesh mehra
"हँसिया"
Dr. Kishan tandon kranti
ज्ञान~
ज्ञान~
दिनेश एल० "जैहिंद"
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कविता
कविता
Rambali Mishra
शायद कुछ अपने ही बेगाने हो गये हैं
शायद कुछ अपने ही बेगाने हो गये हैं
Ravi Ghayal
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
बस मुझे महसूस करे
बस मुझे महसूस करे
Pratibha Pandey
विकलांगता : नहीं एक अभिशाप
विकलांगता : नहीं एक अभिशाप
Dr. Upasana Pandey
मेरे पास, तेरे हर सवाल का जवाब है
मेरे पास, तेरे हर सवाल का जवाब है
Bhupendra Rawat
Loading...