जानवर
***** बालगीत*****
***** जानवर *****
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जंगल का राजा है शेर
पल में सबको करदे ढ़ेर
बंदर मामा बड़े चालाक
उछल कूद करते बेबाक
जंगल में है बाघ दहाड़े
गजराज है खूब चिंघाड़े
जानवर सब रहते नंगे
आपस में न करते दंगे
भालू चाचा करें दुकान
मंहगा बेचते हैं सामान
गधे में बेशक बुद्धि कम
कार्य करने का रखे दम
बिल्ली मौसी है सयानी
चूहों का निकाले नानी
कुत्ता अंकल पहरेदार
नैया जो कराता है पार
घोड़ा दौड़ खूब लगाए
मुश्किलें आसान बनाएं
मनसीरत ना करे वहम
जानवरों से करता प्रेम
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)