जादू की झप्पी
उदासी को देकर के जादू की झप्पी
सुनो लाल थोड़ा सा तुम मुस्कुरालो
मुहब्बत से उसकी कलाई पकड़ कर
तनिक पास बैठो उसे जा मनालो
भला तुमसे मिलने क्यूँ उतरी जिया में
हुआ क्या सभी राज दिल से चुरालो
संदेशा तुम्हारा वो लेकर है आयी
समझ कर उसे आज अपना बनालो
© डॉ०प्रतिभा ‘माही’ पंचकूला