*जाति रोग* / मुसाफिर बैठा
हर कोटरे में आपसी प्रेम
दूसरे कोटरे से द्वेष दूरी
मानो, जात जात में प्रेम के लिए
खांचा भी है बड़ा जरूरी
कोटरे में कैद कुंठित कुटुंब भाव
वसुधैव कुटुंबकम् की उदात्तता
जबकि धर्म का सांस्कृतिक प्रलाप!
हर कोटरे में आपसी प्रेम
दूसरे कोटरे से द्वेष दूरी
मानो, जात जात में प्रेम के लिए
खांचा भी है बड़ा जरूरी
कोटरे में कैद कुंठित कुटुंब भाव
वसुधैव कुटुंबकम् की उदात्तता
जबकि धर्म का सांस्कृतिक प्रलाप!