जाति का दंश
क्योंकि
मैं एक घोड़ा हूं,
कोई घुड़सवार नहीं
पीठ पर
पड़ने वाले कोड़े,
मुंह में
लगने वाले लगाम
और पैरों में
ठोकी जाने वाली
नाल का स्वाद
बख़ूबी जानता हूं!
अपने धर्म,
सभ्यता
और संस्कृति का
महिमा मंडन
कम से कम
मेरे सामने
आप न ही करें
तो बेहतर है!
#उत्पीड़न #शूद्र #दलित #आदिवासी