*जातिवाद ने राजनीति में (गीतिका)*
जातिवाद ने राजनीति में (गीतिका)
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(1)
जातिवाद ने राजनीति में ऐसा शोर मचाया है
आत्मा यह ही राजनीति की और बाहरी काया है
(2)
जातिवाद के समीकरण जिस ने बैठाए सफल रहा
शपथ दिलाने राज्यपाल ने घर से उसे बुलाया है
(3)
भले और ईमानदार को शहद लगाकर चाटें क्या
जातिवाद की तिकड़म जिसमें, वही जीतकर आया है
(4)
बड़ा वही है राजनीति में ,मंत्री-पद पर जा पहुॅंचा
चुल्लू-भर पानी में कब डूबा ,सौ बार नहाया है
(5)
नेताजी से जब पूछा सिद्धांत जरा बतलाऍं तो
बोले पद से मोह और सिद्धांत हमारी माया है
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999 761 5451