Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jun 2022 · 1 min read

*जातिवाद ने राजनीति में (गीतिका)*

जातिवाद ने राजनीति में (गीतिका)
————————————
(1)
जातिवाद ने राजनीति में ऐसा शोर मचाया है
आत्मा यह ही राजनीति की और बाहरी काया है
(2)
जातिवाद के समीकरण जिस ने बैठाए सफल रहा
शपथ दिलाने राज्यपाल ने घर से उसे बुलाया है
(3)
भले और ईमानदार को शहद लगाकर चाटें क्या
जातिवाद की तिकड़म जिसमें, वही जीतकर आया है
(4)
बड़ा वही है राजनीति में ,मंत्री-पद पर जा पहुॅंचा
चुल्लू-भर पानी में कब डूबा ,सौ बार नहाया है
(5)
नेताजी से जब पूछा सिद्धांत जरा बतलाऍं तो
बोले पद से मोह और सिद्धांत हमारी माया है
—————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999 761 5451

1 Like · 110 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
*रिवाज : आठ शेर*
*रिवाज : आठ शेर*
Ravi Prakash
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही।
बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही।
Manisha Manjari
कौन कहता है गर्मी पड़ रही है
कौन कहता है गर्मी पड़ रही है
Shweta Soni
दिल की हरकते दिल ही जाने,
दिल की हरकते दिल ही जाने,
Lakhan Yadav
मैं वो चीज़ हूं जो इश्क़ में मर जाऊंगी।
मैं वो चीज़ हूं जो इश्क़ में मर जाऊंगी।
Phool gufran
भूख
भूख
RAKESH RAKESH
जम़ी पर कुछ फुहारें अब अमन की चाहिए।
जम़ी पर कुछ फुहारें अब अमन की चाहिए।
सत्य कुमार प्रेमी
खुदा को ढूँढा दैरो -हरम में
खुदा को ढूँढा दैरो -हरम में
shabina. Naaz
अचानक जब कभी मुझको हाँ तेरी याद आती है
अचानक जब कभी मुझको हाँ तेरी याद आती है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
आशार
आशार
Bodhisatva kastooriya
21-रूठ गई है क़िस्मत अपनी
21-रूठ गई है क़िस्मत अपनी
Ajay Kumar Vimal
उसका आना
उसका आना
हिमांशु Kulshrestha
डॉ भीमराव अम्बेडकर
डॉ भीमराव अम्बेडकर
नूरफातिमा खातून नूरी
शब्द
शब्द
Sûrëkhâ
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*प्रणय प्रभात*
खंजर
खंजर
AJAY AMITABH SUMAN
कोई काम हो तो बताना
कोई काम हो तो बताना
Shekhar Chandra Mitra
शाम उषा की लाली
शाम उषा की लाली
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*संवेदना*
*संवेदना*
Dr. Priya Gupta
Everyone enjoys being acknowledged and appreciated. Sometime
Everyone enjoys being acknowledged and appreciated. Sometime
पूर्वार्थ
मेरी गुड़िया (संस्मरण)
मेरी गुड़िया (संस्मरण)
Kanchan Khanna
मैं भटकता ही रहा दश्त ए शनासाई में
मैं भटकता ही रहा दश्त ए शनासाई में
Anis Shah
सुनो तुम
सुनो तुम
Sangeeta Beniwal
संवेदना
संवेदना
Neeraj Agarwal
"शुभचिन्तक"
Dr. Kishan tandon kranti
चॉकलेट
चॉकलेट
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
पागल तो मैं ही हूँ
पागल तो मैं ही हूँ
gurudeenverma198
बदली बारिश बुंद से
बदली बारिश बुंद से
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
पितृ दिवस ( father's day)
पितृ दिवस ( father's day)
Suryakant Dwivedi
Loading...