*जातिवाद का खण्डन*
कोई बड़ा न कोई छोटा,
एकता का है सब टोटा।
ना हो कोई जातिवाद,
मिट जाएगा सब अपवाद।।१।।
क्या है आज जातिवाद,
ऊंच नीच का है विवाद।
सब है मानव एक समान,
यही है भारत की पहचान।।२।।
यह हिंदू है ये मुस्लिम,
रहे ना तुम्हें कोई भ्रम।
यही है भिन्नता की पहचान,
सब है एक समान इंसान।।३।।
कर्म बनाओ तुम आधार,
जातिवाद को दो धिक्कार।
जब तक रहेगा जातिवाद,
होते रहेंगे तब तक अपराध।।४।।
मानवता से करो सब प्यार,
ऐसा हो सब का व्यवहार।
ऐसी हो भारत की नीति,
फीकी पड़ जाए विदेश नीति।।५।।
दुष्यन्त कुमार की सुन लो भाई,
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई।
बैर की हो जायेगी सफाई,
जब हों आपस में सब भाई।।६।।