Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jul 2024 · 1 min read

जागरूकता

शीर्षक – जागरूकता
*****************
खम्भों की बिजली जागरूकता देती है।
हमारे बचपन और जवानी में याद आती है।
वो पढ़ना और रात बीताना पल याद है।
जिंदगी भी एक सच के अनुभव देती हैं।
जागरूकता और जागृति खम्भे भी देते हैं।
सच और झूठ की पहचान समय देता है।
हम समय को भूल कर जीवन जीते हैं।
बस यही जीवन में और हम सभी जानते हैं।
मंदम और तेज बिजली का आज याद है।
खम्भों की सोच हमारी राह बतातीं हैं।
जिंदगी और जीवन की पहचान होती हैं।
हां हम सभी एहसास और एतबार रखते हैं।
***********************
नीरज कुमार अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

Language: Hindi
62 Views

You may also like these posts

तेरा वादा.
तेरा वादा.
Heera S
SV3888 - Đăng nhập Nhà Cái SV3888 Casino Uy Tín. Nạp rút tiề
SV3888 - Đăng nhập Nhà Cái SV3888 Casino Uy Tín. Nạp rút tiề
SV3888
हम भी कहीं न कहीं यूं तन्हा मिले तुझे
हम भी कहीं न कहीं यूं तन्हा मिले तुझे
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पानी- पानी ....
पानी- पानी ....
sushil sarna
हकीकत जानूंगा तो सब पराए हो जाएंगे
हकीकत जानूंगा तो सब पराए हो जाएंगे
Ranjeet kumar patre
हर चेहरा लहूलुहान है
हर चेहरा लहूलुहान है
Shekhar Chandra Mitra
*तेरी याद*
*तेरी याद*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मनुष्य का कर्म विचारों का फूल है
मनुष्य का कर्म विचारों का फूल है
पूर्वार्थ
संविधान में हिंदी की स्थिति
संविधान में हिंदी की स्थिति
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
नादान नहीं है हम ,सब कुछ समझते है ।
नादान नहीं है हम ,सब कुछ समझते है ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
दिल का मौसम सादा है
दिल का मौसम सादा है
Shweta Soni
- मोहब्बत की राह -
- मोहब्बत की राह -
bharat gehlot
*
*" पितृ पक्ष एवं श्राद्ध कर्म"*
Shashi kala vyas
स्वतंत्रता
स्वतंत्रता
Shashi Mahajan
3358.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3358.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
दीया इल्म का कोई भी तूफा बुझा नहीं सकता।
दीया इल्म का कोई भी तूफा बुझा नहीं सकता।
Phool gufran
*श्रीराम*
*श्रीराम*
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
जो कहा तूने नहीं
जो कहा तूने नहीं
Dr fauzia Naseem shad
मन दुखित है अंदर से...
मन दुखित है अंदर से...
Ajit Kumar "Karn"
नन्हे-मुन्ने हाथों में, कागज की नाव ही बचपन था ।
नन्हे-मुन्ने हाथों में, कागज की नाव ही बचपन था ।
Rituraj shivem verma
*देना प्रभु जी स्वस्थ तन, जब तक जीवित प्राण(कुंडलिया )*
*देना प्रभु जी स्वस्थ तन, जब तक जीवित प्राण(कुंडलिया )*
Ravi Prakash
दुनियां कहे , कहे कहने दो !
दुनियां कहे , कहे कहने दो !
Ramswaroop Dinkar
गीत- कहो ख़ुद की सुनो सबकी...
गीत- कहो ख़ुद की सुनो सबकी...
आर.एस. 'प्रीतम'
हे मन
हे मन
goutam shaw
"इतनी ही जिन्दगी बची"
Dr. Kishan tandon kranti
जिसने दिया था दिल भी वो उसके कभी न थे।
जिसने दिया था दिल भी वो उसके कभी न थे।
सत्य कुमार प्रेमी
गुरू
गुरू
Neha
उमस भरी रात
उमस भरी रात
Dr. Man Mohan Krishna
■ नि:शुल्क सलाह।।😊
■ नि:शुल्क सलाह।।😊
*प्रणय*
उनसे ही धोखा मिला ,जिन पर किया यकीन
उनसे ही धोखा मिला ,जिन पर किया यकीन
RAMESH SHARMA
Loading...