Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Mar 2017 · 2 min read

जागती आँखों के सपने (लघु कथा )-9

जागती आँखों के सपने
(लघु कथा )-9
सुशील शर्मा

सुमन रो रो कर कह रही थी माँ मुझे शहर के स्कूल में पढ़ना है में अंग्रेजी माध्यम में पढ़ना चाहती हूँ माँ उसे समझा रही थी बेटा शहर का बहुत दूर है। तेरे सभी भाई बहिनें इसी गांव के स्कूल में पढ़े हैं तू भी यहीं पढ़ ले।
“अंग्रेजी पढ़ कर क्या कलेक्टर बनेगी” उसके बड़े भाई ने तंज कसा।
सुमन अपने माँ बाप की पांचवी संतान थी तीन बहिनों में सबसे छोटी उससे एक बड़ा भाई था एक उससे छोटा। दो बहिनों की जैसे तैसे पिता ने शादी की। भाई माता पिता के साथ मजदूरी करता था।
उसी समय गांव के स्कूल के कार्यक्रम में जिले की कलेक्टर पाल मेडम आईं थी। बच्चों से बातचीत के समय सुमन ने गांव की सड़कों की बदहाली और स्कूल के शौचालय की दुर्दशा के बारे में सभी के सामने भाषण दिया। कलेक्टर मेडम बहुत प्रभावित हुईं उन्होंने सुमन से कहा की तुम एक अच्छी प्रशासक बन सकती हो। तबसे सुमन के मन में कलेक्टर बनने की बात दृढ़ संकल्प के रूप में बैठ गई थी।
आखिर उसकी जिद के आगे माँ बाप को झुकना पड़ा। करीब 15 किलोमीटर दूर के शहर में एक अच्छे कान्वेंट स्कूल में RTE के तहत गरीब बच्चों कोटे से सुमन को एडमिशन मिल गया। प्रतिदिन 15 km का रास्ता साईकिल से तय कर पढ़ने जाने वाली सुमन ने सभी कक्षाओं में अब्बल स्थान प्राप्त कर
भोपाल शहर में स्नातक की उपाधि प्राप्त कर UPSC की परीक्षा दी प्रथम और द्वितीय बार में असफल होने के बाद तृतीय बार में सुमन सफल हुई। सफल परिवीक्षा के बाद उसकी पोस्टिंग कलेक्टर रूप में हुई।
पाल मेडम तब तक कमिश्नर बन चुकी थीं उन्ही के संभाग के जिले में सुमन नई कलेक्टर के रूप में पदस्थापित हुई थी। मीटिंग के दौरान अपने नए विचारों एवम कार्यशैली तथा निर्भीकता से अपनी बात रखने की शैली के कारण कमिश्नर मैडम बहुत प्रभावित हुईं।
“मिस सुमन आए ऍम इम्प्रेस्सेड”पाल मेडम ने सुमन को अपने कक्ष में बुला कर कहा।
“दिस इज बिकॉज ऑफ यू मैडम “सुमन ने मुस्कुराते हुए कहा।
“बिकॉज ऑफ मी बट हाउ ” पाल मैडम आश्चर्य चकित थीं।
उसके बाद सुमन ने पूरी कहानी पाल मैडम को सुनाई। पाल मैडम ने आश्चर्य मिश्रित ख़ुशी से सुमन को गले लगा लिए उनके मुँह से “ब्रेब गर्ल” कई बार निकला।
सुमन के जाने बाद पाल मेडम सोच रहीं थी कि अगर जागती आँखों से सपने देखो और उनको पूरा करने में जुट जाओ तो सपने हर हाल में पूरे होते हैं।

Language: Hindi
602 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दिवाली के दिन सुरन की सब्जी खाना क्यों अनिवार्य है? मेरे दाद
दिवाली के दिन सुरन की सब्जी खाना क्यों अनिवार्य है? मेरे दाद
Rituraj shivem verma
आपके शत्रु आपको क्रोध दिला सकते हैं
आपके शत्रु आपको क्रोध दिला सकते हैं
ruby kumari
मुझे भी
मुझे भी "याद" रखना,, जब लिखो "तारीफ " वफ़ा की.
Ranjeet kumar patre
दोहा त्रयी. . . . .
दोहा त्रयी. . . . .
sushil sarna
!! होली के दिन !!
!! होली के दिन !!
Chunnu Lal Gupta
घर के किसी कोने में
घर के किसी कोने में
आकांक्षा राय
ग़ज़ल _नसीब मिल के भी अकसर यहां नहीं मिलता ,
ग़ज़ल _नसीब मिल के भी अकसर यहां नहीं मिलता ,
Neelofar Khan
यादों के तराने
यादों के तराने
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बस हौसला करके चलना
बस हौसला करके चलना
SATPAL CHAUHAN
बहू और बेटी
बहू और बेटी
Mukesh Kumar Sonkar
*मैया की शेर की सवारी हुई (भजन/हिंदी गजल)*
*मैया की शेर की सवारी हुई (भजन/हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
Acrostic Poem- Human Values
Acrostic Poem- Human Values
jayanth kaweeshwar
राष्ट्र भाषा हिंदी
राष्ट्र भाषा हिंदी
Dr.Pratibha Prakash
सम्बन्ध
सम्बन्ध
Shaily
वादी ए भोपाल हूं
वादी ए भोपाल हूं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
राम नाम सर्वश्रेष्ठ है,
राम नाम सर्वश्रेष्ठ है,
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
बहर-ए-ज़मज़मा मुतदारिक मुसद्दस मुज़ाफ़
बहर-ए-ज़मज़मा मुतदारिक मुसद्दस मुज़ाफ़
sushil yadav
मैंने नींदों से
मैंने नींदों से
Dr fauzia Naseem shad
बाधाएं आती हैं आएं घिरे प्रलय की घोर घटाएं पावों के नीचे अंग
बाधाएं आती हैं आएं घिरे प्रलय की घोर घटाएं पावों के नीचे अंग
पूर्वार्थ
भाग्य और पुरुषार्थ
भाग्य और पुरुषार्थ
Dr. Kishan tandon kranti
दिल में दर्द है हल्का हल्का सा ही सही।
दिल में दर्द है हल्का हल्का सा ही सही।
Ashwini sharma
किसी को सच्चा प्यार करने में जो लोग अपना सारा जीवन लगा देते
किसी को सच्चा प्यार करने में जो लोग अपना सारा जीवन लगा देते
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बड़े दिलवाले
बड़े दिलवाले
Sanjay ' शून्य'
शेर-
शेर-
*प्रणय*
*Lesser expectations*
*Lesser expectations*
Poonam Matia
साधारण असाधारण
साधारण असाधारण
Shashi Mahajan
संवाद
संवाद
surenderpal vaidya
हम बैठे हैं
हम बैठे हैं
हिमांशु Kulshrestha
होली आने वाली है
होली आने वाली है
नेताम आर सी
Loading...