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31 May 2024 · 1 min read

ज़ुर्म-ए-मोहब्बत

यार, दोस्त कोई भी न अब मुझसे मिला करेगा,
ऐ ख़ुदा! इससे ज़्यादा तू मेरे साथ क्या बुरा करेगा!

हर सजदे में तुझसे सिर्फ़ उसे ही मांगा था मैंने,
सोचा न था तू भी मुझे औरों सा अनसुना करेगा।

इक उसके आ जाने से ज़िंदगी में नूर आ गई थी,
कहां पता था कि तू इतनी जल्दी हमें जुदा करेगा।

बताया ही नहीं किसी ने मोहब्बत करना ज़ुर्म है यहां,
सज़ा-ए-मौत नहीं मिलेगी, ता-उम्र दिल दुखा करेगा।।

-©® Shikha

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