ज़ीने की तमन्ना
ज़िंदा तो है,
फिर भी जीने की तमन्ना है
हर रिश्ता पास है,
फिर भी दिल रिश्तों की तलाश में भटकता है,
हर ख़ुशी पास है
फिर भी हर रोज़ भाग दौड़ क्या ढूंढ रहा है
जिंदा तो है,
फिर भी जीने की तमन्ना है
जीवन हर पल एक नया मोड़ है
हर मोड़ पर एक नया राही है
फिर भी अकेला चलना मन को भाता है
जिंदा तो है,
फिर भी जीने की तमन्ना है
हर रोज़ एक नई भूल करता है
फिर भी माफ़ी की गुजारिश हर रोज़ करता है
कुछ काम ऐसा करना है
गुरु तेरे विदा होने के बाद भी
देखते है कोण तुझे याद करता है
जिंदा तो है,
फिर भी जीने की तमन्ना है
गुरु विरक
सिरसा (हरियाणा)